किसान आंदोलन का पड़ा प्रभाव, चंडीगढ़ में बसों कि आवाजाही ठप

हिमाचल क्राइम न्यूज़

चंडीगढ़। नेशनल डेस्क



दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर चले रहे किसान आंदोलन से रोडवेज सेवाएं बाधित हो गई हैं। किसान आंदोलन ने बसों के पहियों को रोक दिया है। चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्री परेशान हैं। चंडीगढ़ से बसें मुरथल और बहालगढ़ तक ही चलाई जा रही है। वहां से दिल्ली के लिए ऑटो या टैक्सी लेनी पड़ेगी। वोल्वो सेवा भी बंद है।




हाल यह है कि चंडीगढ़ आईएसबीटी 17 से पहले एक बस दिल्ली के लिए काउंटर से निकलती थी तो दूसरी कांउटर पर लग जाती थी। अब पंद्रह से बीस मिनट के बाद बसें आ रही हैं। क्लाक रूम खाली पड़ा है। पहले आम तौर पर 50 से 60 लोग आते थे, लेकिन अब दो-तीन लोग ही आ रहे हैं। 

दिल्ली के लिए हरियाणा रोडवेज की 217 बसें अलग-अलग समय पर उपलब्ध हैं, लेकिन इस समय 60-70 बसें ही चल रही हैं। पहले कोरोना ने बसों के पहिए रोक रखे थे, अब दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के कारण बसें नहीं जा रही हैं। 

किसान आंदोलन के कारण हरियाणा रोडवेज की बसें दिल्ली नहीं जा रही हैं। मुरथल और बालगढ़ तक ही चलाई जा रही हैं। उसके बाद लोग वहीं से किसी सवारी से दिल्ली या अन्य जगहों पर जा सकते हैं। मेरे पास जो भी मुसाफिर आते हैं, उन्हें यही समझा रहे हैं। साधारण बसें ही चल रही हैं। वोल्वो पूरी तरह से बंद है।-राजेंद्र कुमार, सब इंस्पेक्टर हरियाणा रोडवेज


 

पहले आईएसबीटी से हर रोज 650 बसें जाती थीं, लेकिन अब 400 बसें ही जा रही हैं। इससे अड्डा फीस में भी काफी कमी आई है। क्लाक रूम खाली पड़ा है। पहले आम दिनों में 50 से 60 लोग क्लाक रूम में आते थे, लेकिन अब हर रोज दो से तीन लोग ही आ रहे हैं। -गुरदीप सिंह, स्टेशन सुपरवाइजर आईएसबीटी सेक्टर-17 चंडीगढ़


 

मुसाफिरों की बढ़ गईं हैं मुश्किलें 

पेपर देने आए थे अब जाना मुश्किल

पंचकूला में पेपर देने आए थे। नारनौल जाना है। अब बस नहीं मिल रही है। ठंड का मौसम है, क्या करें, कहां जाएं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। दिल्ली के लिए बस नहीं चल रही हैं।

 -भारत, नारनौल निवासी


घर के लोग परेशान हो रहे हैं

नारनौल से चंडीगढ़ आया हूं। अब लौटने के लिए कोई बस नहीं है। रात में जाएगी या दिन में, कुछ भी पता नहीं चल रहा है। बहुत मुश्किल हो रही है। घर के लोग भी परेशान हो रहे हैं।

-दीपेश, नारनौल निवासी


आधे रास्ते की बसें ही मिल रहीं हैं

मध्यप्रदेश के मुरैना जाना है। कंपनी के काम से बिलासपुर गया था। अब लौटने के लिए कोई साधन नहीं है। मुरथल तक की बसें जाएंगी। उसके बाद दिल्ली जाना होगा। हमारे लिए बड़ी मुश्किल हो गई है।-कमल सिंह, मुरैना, मध्यप्रदेश निवासी


शादी में शामिल होने के लिए घर जाना है

बिहार के भभुआ जाना है। आनंद विहार से सुबह की ट्रेन है। परिवार के साथ जाना है। घर में शादी है, पर अब दिल्ली के लिए बस नहीं चल रही है। बहुत मुश्किल का समय है।

-गणेश गुप्ता, भभुआ, बिहार निवासी



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