फर्ज़ी डिग्री घोटाला: पहली बार संयुक्त जांच करेगी ईडी, आयकर और पुलिस
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। क्राइम डेस्क
करीब चार लाख से ज्यादा फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जीवाड़े की जांच के लिए पहली बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग विभाग पुलिस के साथ मिलकर जांच करेंगे। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने अपने उप निदेशक स्तर के एक-एक अधिकारी को पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के साथ अटैच किया है। ये अधिकारी पुलिस को वित्तीय लेन-देन और अवैध काले धन को सफेद करने की कोशिश की जांच में एक-दूसरे को सहयोग देंगे।
ईडी ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस तीन दर्ज मामलों की तफ्तीश में जुटी है। ऐसे में अब सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर इस पूरे नेक्सस को तोड़कर इसमें शामिल रहे लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में जुट गई हैं। बता दें कि मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एडीजी सीआईडी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली 19 सदस्यीय एसआईटी से फर्जी डिग्री मामले की जांच कराने का एलान किया था।
इसके बाद डीजीपी संजय कुंडू ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर जांच में एक-एक उप निदेशक स्तर के अधिकारी को शामिल करने की सिफारिश की थी। दलील दी थी कि इस मामले में पुलिस जांच को लेकर बेहद संजीदा है। चूंकि, मामले की अब तक की जांच में वित्तीय लेन-देन, धन शोधन और अवैध संपत्तियां बनाने की जानकारी मिली है।
ऐसे में एजेंसियों को सहयोग करना चाहिए। डीजीपी की चिट्ठी के बाद आयकर विभाग ने परवाणू में बैठने वाले उप निदेशक (इन्वेस्टिगेशन) और प्रवर्तन निदेशालय ने शिमला का प्रभार संभालने वाले उप निदेशक को इस मामले की जांच में एसआईटी के सहयोग के लिए आधिकारिक रूप से लगा दिया।
हिमाचल पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि एसआईटी की जांच आगे बढ़ चुकी है। जल्द इसमें कुछ बड़े खुलासे किए जाएंगे। दोनों केंद्रीय एजेंसियों से अधिकारियों को सहयोग करने से संबंधित पत्र प्राप्त हो गए हैं। अब इस मामले के हर पहलू की जांच कर उसे समयबद्ध तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
शिमला। क्राइम डेस्क
करीब चार लाख से ज्यादा फर्जी डिग्री बेचने के आरोप में फंसे मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जीवाड़े की जांच के लिए पहली बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग विभाग पुलिस के साथ मिलकर जांच करेंगे। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने अपने उप निदेशक स्तर के एक-एक अधिकारी को पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के साथ अटैच किया है। ये अधिकारी पुलिस को वित्तीय लेन-देन और अवैध काले धन को सफेद करने की कोशिश की जांच में एक-दूसरे को सहयोग देंगे।
ईडी ने पहले ही मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस तीन दर्ज मामलों की तफ्तीश में जुटी है। ऐसे में अब सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर इस पूरे नेक्सस को तोड़कर इसमें शामिल रहे लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में जुट गई हैं। बता दें कि मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एडीजी सीआईडी वेणुगोपाल की अध्यक्षता वाली 19 सदस्यीय एसआईटी से फर्जी डिग्री मामले की जांच कराने का एलान किया था।
इसके बाद डीजीपी संजय कुंडू ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को पत्र लिखकर जांच में एक-एक उप निदेशक स्तर के अधिकारी को शामिल करने की सिफारिश की थी। दलील दी थी कि इस मामले में पुलिस जांच को लेकर बेहद संजीदा है। चूंकि, मामले की अब तक की जांच में वित्तीय लेन-देन, धन शोधन और अवैध संपत्तियां बनाने की जानकारी मिली है।
ऐसे में एजेंसियों को सहयोग करना चाहिए। डीजीपी की चिट्ठी के बाद आयकर विभाग ने परवाणू में बैठने वाले उप निदेशक (इन्वेस्टिगेशन) और प्रवर्तन निदेशालय ने शिमला का प्रभार संभालने वाले उप निदेशक को इस मामले की जांच में एसआईटी के सहयोग के लिए आधिकारिक रूप से लगा दिया।
हिमाचल पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि एसआईटी की जांच आगे बढ़ चुकी है। जल्द इसमें कुछ बड़े खुलासे किए जाएंगे। दोनों केंद्रीय एजेंसियों से अधिकारियों को सहयोग करने से संबंधित पत्र प्राप्त हो गए हैं। अब इस मामले के हर पहलू की जांच कर उसे समयबद्ध तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
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