हिमाचल में शिक्षा का फर्ज़ीवाड़ा:17 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 177 कॉलेज के खिलाफ मिली 150 शिकायतें
हिमाचल क्राइम न्यूज़
शिमला। क्राइम डेस्क
हिमाचल प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. अधिकतर संस्थानों में फर्जीवाड़े और अनियमितताएं बरती जा रही है. अब निजी शिक्षण संस्थानों में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर निजी शिक्षण विनियामक आयोग एक्शन की तैयारी में है. आयोग में अभी हाल ही में चेयरमैन की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद से आयोग की कार्यप्रणाली भी तेज हो गई है. प्रदेश में चल रहे 17 निजी विश्वविद्यालय सहित 177 निजी कॉलेजों में जहां भी फर्जीवाड़े और अनियमितताएं हैं. उन पर आयोग का एक्शन भी शुरू हो चुका है. आयोग के पास संस्थानों से जुड़ी 150 शिकायतें पहुंची है.
ये हैं शिकायतें
जो शिकायतें आयोग के पास पहुंच रही हैं, उसमें ज्यादातर शिकायतें, परीक्षाओं को ना करवाने,कर्मचारियों को वेतन ना देने और मूलभूत सुविधाओं के बिना ही निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने को लेकर हैं. शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थानों पर जांच और कार्यवाही भी आयोग की ओर से शुरू कर दी गई है.150 शिकायतों में 6 निजी शिक्षण संस्थान शामिल है, जिसमें 4 विश्वविद्यालय, और 2 कॉलेजों के खिलाफ छात्र व स्टॉफ ने शिकायतें है. इन सभी शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्टार को आयोग ने अक्तूबर में तलब भी किया है. इस दौरान विश्वविद्यालयों के रजिस्टार को बताना होगा कि स्टॉफ के पैंडिंग वेतन को समय पर दिया गया है या नहीं.
क्या जानकारी देनी होगी कोरोनाकाल के बीच राज्य के शिक्षण संस्थानों ने छात्रों से ट्युशन फीस न लेकर बल्कि उनसे एक्स्ट्रा फीस भी वसूली है. ऐसे में अब इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए आयोग जल्द छात्रों, अभिभावकों के लिए व्हाट्स ऐप नंबर जल्द मुहैया करवाने जा रहा है. इस नंबर पर छात्र ऑनलाइन आयोग में फीस बढ़ोतरी पर शिकायत कर सकते है. ऑनलाइन आने वाली शिकायतों का आयोग तुरंत निपटारा करेंगा. अब शिक्षण संस्थान छात्रों से जो फीस वसूलेंगे, उसका पूरा विवरण ऑनलाइन भी देना होगा.
फर्जीवाड़े से छवि खराबआयोग के चेयरमैन मेजर जनरल अतुल कौशिक का कहना है कि निजी शिक्षण संस्थानों में पिछले साल हुए फर्जी डिग्री मामले की वजह से हिमाचल की छवि खराब हुई है. इसलिए समय - समय पर हर शिक्षण संस्थान में जाकर निरीक्षण किया जाएगा. नियमों की उल्लंघन पर निजी शिक्षण संस्थान पर एक करोड़ तक का जुर्माना आयोग संस्थानों पर कर सकता है. निजी संस्थानों को बंद करने की शक्ति भी आयोग के पास है. अब निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधनों के साथ ही ट्रस्ट से भी समय- समय पर बैठके आयोजित की जाएंगी.
मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा
आयोग की ओर से मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले के बाद एक एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया गया है, जो वहां की व्यवस्थाओं को देखेगा. वहीं वर्तमान समय में यूनिवर्सिटी में जो पंद्रह सौ के करीब छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उन छात्रों के भविष्य को लेकर फैसला सरकार की ओर से लिया जाएगा. इस संस्थान में पढऩे वाले छात्र दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिला ले सकेंगे. इसको लेकर सरकार को प्रपोजल भेज दिया है.इसके साथ ही प्रदेश में बहारा यूनिवर्सिटी और बद्दी यूनिवर्सिटी में भी शिक्षकों को वेतन ना देने के मामले में शिकायत मिली है, वहीं हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल के साथ ही बेल्स इंस्टीट्यूट पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से की जा रही है.
इंजनीयरिंग की सीटें बढ़ाने ओर भरने को लेकर किया जाएगा प्रयास
प्रदेश में इंजीनियरिंग कोर्स में छात्रों की कम होती रुचि को देखकर आयोग की ओर से यह प्रयास किया जाएगा कि छात्रों की रुचि को इस विषय में बढ़ाया जाए और प्रदेश में इंजीनियरिंग की जो सीटें खाली रह रही हैं, वह खाली ना रहे. उन्हें भरने को लेकर भी आयोग संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा.
शिमला। क्राइम डेस्क
हिमाचल प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थानों में फर्जीवाड़े रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. अधिकतर संस्थानों में फर्जीवाड़े और अनियमितताएं बरती जा रही है. अब निजी शिक्षण संस्थानों में चल रहे फर्जीवाड़े को लेकर निजी शिक्षण विनियामक आयोग एक्शन की तैयारी में है. आयोग में अभी हाल ही में चेयरमैन की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद से आयोग की कार्यप्रणाली भी तेज हो गई है. प्रदेश में चल रहे 17 निजी विश्वविद्यालय सहित 177 निजी कॉलेजों में जहां भी फर्जीवाड़े और अनियमितताएं हैं. उन पर आयोग का एक्शन भी शुरू हो चुका है. आयोग के पास संस्थानों से जुड़ी 150 शिकायतें पहुंची है.
ये हैं शिकायतें
जो शिकायतें आयोग के पास पहुंच रही हैं, उसमें ज्यादातर शिकायतें, परीक्षाओं को ना करवाने,कर्मचारियों को वेतन ना देने और मूलभूत सुविधाओं के बिना ही निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने को लेकर हैं. शिकायतों पर निजी शिक्षण संस्थानों पर जांच और कार्यवाही भी आयोग की ओर से शुरू कर दी गई है.150 शिकायतों में 6 निजी शिक्षण संस्थान शामिल है, जिसमें 4 विश्वविद्यालय, और 2 कॉलेजों के खिलाफ छात्र व स्टॉफ ने शिकायतें है. इन सभी शिकायतों के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्टार को आयोग ने अक्तूबर में तलब भी किया है. इस दौरान विश्वविद्यालयों के रजिस्टार को बताना होगा कि स्टॉफ के पैंडिंग वेतन को समय पर दिया गया है या नहीं.
फर्जीवाड़े से छवि खराब
मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जीवाड़ा
आयोग की ओर से मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री मामले के बाद एक एडमिनिस्ट्रेशन नियुक्त किया गया है, जो वहां की व्यवस्थाओं को देखेगा. वहीं वर्तमान समय में यूनिवर्सिटी में जो पंद्रह सौ के करीब छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उन छात्रों के भविष्य को लेकर फैसला सरकार की ओर से लिया जाएगा. इस संस्थान में पढऩे वाले छात्र दूसरे शिक्षण संस्थान में दाखिला ले सकेंगे. इसको लेकर सरकार को प्रपोजल भेज दिया है.इसके साथ ही प्रदेश में बहारा यूनिवर्सिटी और बद्दी यूनिवर्सिटी में भी शिक्षकों को वेतन ना देने के मामले में शिकायत मिली है, वहीं हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल के साथ ही बेल्स इंस्टीट्यूट पर भी कार्रवाई आयोग की ओर से की जा रही है.
इंजनीयरिंग की सीटें बढ़ाने ओर भरने को लेकर किया जाएगा प्रयास
प्रदेश में इंजीनियरिंग कोर्स में छात्रों की कम होती रुचि को देखकर आयोग की ओर से यह प्रयास किया जाएगा कि छात्रों की रुचि को इस विषय में बढ़ाया जाए और प्रदेश में इंजीनियरिंग की जो सीटें खाली रह रही हैं, वह खाली ना रहे. उन्हें भरने को लेकर भी आयोग संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा.
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