स्कूल तो खुल गए, लेकिन कोई विद्यार्थि नही पहुंचा स्कूल
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ऊना। (जतिन)
राज्य सरकार ने स्कू खोलने कि अनुमति तो देगी और सोमवार को ये आदेश अमल भी हुए, लेकिन सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पहले दिन शून्य रही है। कोविड-19 के खतरे को भांपते हुए अभिभावकों ने अपने नौनिहालों को संस्थानों से दूर रखने का ही फैसला लिया है। जिला मुख्यालय के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय में सोमवार को उप प्रधानाचार्य समेत करीब आधा स्टाफ मौजूद रहा।
लेकिन इस दौरान कोई भी छात्रा स्कूल नहीं पहुंची। कुछ ऐसे ही हालात जिला मुख्यालय के समीपवर्ती रक्कड़ कालोनी स्थित निजी स्कूल रॉकफोर्ड में भी देखने को मिले। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित टक्का पंचायत के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी शिक्षक छात्रों की बाट जोहते नजर आए।
कोरोना वायरस के साये में स्कूलों को खोलने के आदेशों पर सोमवार को अमल हुआ है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों में केवल 50 फीसदी स्टाफ ही मौजूद रहेगा। हालांकि स्कूलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को आने की अनुमति दे दी गई है।
लेकिन उन्हें भी अपने अभिभावकों से इस संबंध में लिखित अनुमति लेकर स्कूल आना होगा। हालांकि इससे पूर्व ऑनलाइन पढ़ाई ही चल रही थी। लेकिन शैक्षणिक पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे विषय भी हैं, जिन्हें छात्र ऑनलाइन क्लियर नहीं कर पा रहे थे।
इसी के चलते जिन विषयों में छात्रों को कठिनाई पेश आ रही थी। उनके समाधान के लिए स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। जिसमें कई तरह की गाइडलाइंस जारी की गई है। जिसके तहत स्कूलों में मात्र आधा स्टाफ मौजूद रहेगा। वही स्कूल आने वाले छात्रों के लिए अपने अभिभावकों से लिखित अनुमति लेकर आना अनिवार्य किया गया।
स्कूलों में कोविड-19 महामारी को लेकर जारी की गई तमाम गाइडलाइन और एसओपी का पालन किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल आने के लिए जहां अपने अभिभावकों की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। स्कूल आने पर बच्चों को अनिवार्य रूप से मास्क भी पहनना होगा।
ऊना। (जतिन)
राज्य सरकार ने स्कू खोलने कि अनुमति तो देगी और सोमवार को ये आदेश अमल भी हुए, लेकिन सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पहले दिन शून्य रही है। कोविड-19 के खतरे को भांपते हुए अभिभावकों ने अपने नौनिहालों को संस्थानों से दूर रखने का ही फैसला लिया है। जिला मुख्यालय के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय में सोमवार को उप प्रधानाचार्य समेत करीब आधा स्टाफ मौजूद रहा।
लेकिन इस दौरान कोई भी छात्रा स्कूल नहीं पहुंची। कुछ ऐसे ही हालात जिला मुख्यालय के समीपवर्ती रक्कड़ कालोनी स्थित निजी स्कूल रॉकफोर्ड में भी देखने को मिले। जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित टक्का पंचायत के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी शिक्षक छात्रों की बाट जोहते नजर आए।
कोरोना वायरस के साये में स्कूलों को खोलने के आदेशों पर सोमवार को अमल हुआ है। सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूलों में केवल 50 फीसदी स्टाफ ही मौजूद रहेगा। हालांकि स्कूलों में 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों को आने की अनुमति दे दी गई है।
लेकिन उन्हें भी अपने अभिभावकों से इस संबंध में लिखित अनुमति लेकर स्कूल आना होगा। हालांकि इससे पूर्व ऑनलाइन पढ़ाई ही चल रही थी। लेकिन शैक्षणिक पाठ्यक्रम में कुछ ऐसे विषय भी हैं, जिन्हें छात्र ऑनलाइन क्लियर नहीं कर पा रहे थे।
इसी के चलते जिन विषयों में छात्रों को कठिनाई पेश आ रही थी। उनके समाधान के लिए स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। जिसमें कई तरह की गाइडलाइंस जारी की गई है। जिसके तहत स्कूलों में मात्र आधा स्टाफ मौजूद रहेगा। वही स्कूल आने वाले छात्रों के लिए अपने अभिभावकों से लिखित अनुमति लेकर आना अनिवार्य किया गया।
स्कूलों में कोविड-19 महामारी को लेकर जारी की गई तमाम गाइडलाइन और एसओपी का पालन किया जा रहा है। बच्चों को स्कूल आने के लिए जहां अपने अभिभावकों की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। स्कूल आने पर बच्चों को अनिवार्य रूप से मास्क भी पहनना होगा।
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