हिमाचल: राज्य में अभी बच्चों के अभिभावक अगस्त में स्कूल खुलने से नही सन्तुष्ट
हिमाचल क्राइम न्यूज़ ब्यूरो
शिमला/धर्मशाला।
राज्य में अभी भी ज्यादातर अभिभावक अगस्त और सितंबर में भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं। केंद्र सरकार को दिए अधिकांश सुझावों में अभिभावक बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं उठाना चाहते हैं। कई अभिभावकों ने तो स्पष्ट लिखा है कि अगर स्कूलों को सरकार खोल भी देती है तो भी वे अपने बच्चों को हालात पूरी तरह से सामान्य होने तक स्कूलों में नहीं भेजेंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से केंद्र सरकार ने अभिभावकों से स्कूल खोलने के लिए सुझाव मांगे हैं। मंगलवार शाम चार बजे तक निदेशालय के पास आई ई-मेल में चंद अभिभावकों ने ही सितंबर से स्कूल खोलने की पैरवी की है। साथ ही अगस्त में स्कूल खोलने के लिए इंकार किया है।
देश और प्रदेशों में शिक्षण संस्थान खोलने से पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभिभावकों से राय लेने की पहल की है। इसी कड़ी में हिमाचल में भी शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को ई-मेल के माध्यम से अपने सुझाव देने को कहा था। मंगलवार शाम तक आई ई-मेल में अधिकांश अभिभावकों ने अभी स्कूलों को खोलने का खतरा नहीं लेने का सुझाव दिया है। सोलन, सिरमौर, शिमला, कांगड़ा, ऊना जैसे जिलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए अभिभावकों ने सितंबर अंत तक स्कूल बंद रखने की वकालत की है। निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि अभिभावकों का मत है कि अक्तूबर में कोरोना की स्थिति को देखते हुए स्कूल खोलने पर विचार किया जाए।
आगामी दो माह भी शिक्षण संस्थान बंद ही रहने चाहिए। कुछ अभिभावकों ने अगस्त में स्कूल बंद रखने और सितंबर में इसको लेकर विचार करने का सुझाव दिया है। अधिकांश अभिभावकों ने ऑनलाइन पढ़ाई को और अधिक मजबूत करने पर भी बल दिया है। सुझाव दिया है कि ऑनलाइन पढ़ाई का टेस्ट भी लेने की व्यवस्था करनी चाहिए। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अभिभावकों से प्राप्त हुए सुझावों की रिपोर्ट बनाकर जल्द सरकार को भेजी जाएगी।
बोर्ड कक्षाओं को अक्तूबर से शुरू करने का सुझाव
अभिभावकों ने पहली से आठवीं कक्षा वाले स्कूलों में एहतियात बरतने में दिक्कतें आने का हवाला देते हुए नवीं से जमा दो कक्षा के स्कूलों को अक्तूबर से खोलने की बात कही है। अभिभावकों का कहना है कि बड़े बच्चों को सोशल डिस्टेंसिग की समझ है। लेकिन छोटे बच्चों को यह बताना मुश्किल है। कुछ अभिभावकों ने सिर्फ दसवीं और जमा दो की बोर्ड कक्षाओं को ही अक्तूबर से स्कूलों में बुलाने का सुझाव दिया है।
शिमला/धर्मशाला।
राज्य में अभी भी ज्यादातर अभिभावक अगस्त और सितंबर में भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं। केंद्र सरकार को दिए अधिकांश सुझावों में अभिभावक बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार का खतरा नहीं उठाना चाहते हैं। कई अभिभावकों ने तो स्पष्ट लिखा है कि अगर स्कूलों को सरकार खोल भी देती है तो भी वे अपने बच्चों को हालात पूरी तरह से सामान्य होने तक स्कूलों में नहीं भेजेंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से केंद्र सरकार ने अभिभावकों से स्कूल खोलने के लिए सुझाव मांगे हैं। मंगलवार शाम चार बजे तक निदेशालय के पास आई ई-मेल में चंद अभिभावकों ने ही सितंबर से स्कूल खोलने की पैरवी की है। साथ ही अगस्त में स्कूल खोलने के लिए इंकार किया है।
देश और प्रदेशों में शिक्षण संस्थान खोलने से पहले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभिभावकों से राय लेने की पहल की है। इसी कड़ी में हिमाचल में भी शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को ई-मेल के माध्यम से अपने सुझाव देने को कहा था। मंगलवार शाम तक आई ई-मेल में अधिकांश अभिभावकों ने अभी स्कूलों को खोलने का खतरा नहीं लेने का सुझाव दिया है। सोलन, सिरमौर, शिमला, कांगड़ा, ऊना जैसे जिलों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए अभिभावकों ने सितंबर अंत तक स्कूल बंद रखने की वकालत की है। निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि अभिभावकों का मत है कि अक्तूबर में कोरोना की स्थिति को देखते हुए स्कूल खोलने पर विचार किया जाए।
आगामी दो माह भी शिक्षण संस्थान बंद ही रहने चाहिए। कुछ अभिभावकों ने अगस्त में स्कूल बंद रखने और सितंबर में इसको लेकर विचार करने का सुझाव दिया है। अधिकांश अभिभावकों ने ऑनलाइन पढ़ाई को और अधिक मजबूत करने पर भी बल दिया है। सुझाव दिया है कि ऑनलाइन पढ़ाई का टेस्ट भी लेने की व्यवस्था करनी चाहिए। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि अभिभावकों से प्राप्त हुए सुझावों की रिपोर्ट बनाकर जल्द सरकार को भेजी जाएगी।
बोर्ड कक्षाओं को अक्तूबर से शुरू करने का सुझाव
अभिभावकों ने पहली से आठवीं कक्षा वाले स्कूलों में एहतियात बरतने में दिक्कतें आने का हवाला देते हुए नवीं से जमा दो कक्षा के स्कूलों को अक्तूबर से खोलने की बात कही है। अभिभावकों का कहना है कि बड़े बच्चों को सोशल डिस्टेंसिग की समझ है। लेकिन छोटे बच्चों को यह बताना मुश्किल है। कुछ अभिभावकों ने सिर्फ दसवीं और जमा दो की बोर्ड कक्षाओं को ही अक्तूबर से स्कूलों में बुलाने का सुझाव दिया है।
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