यौन अपराधियों का रिकॉर्ड रखेगी पुलिस
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं के साथ यौन शोषण करने वालों का अलग रिकॉर्ड बनेगा। इसके लिए पहली अगस्त से सभी पुलिस थानों में अलग से रजिस्टर शुरू होगा। यह नई पहल हिमाचल पुलिस ने गुरुवार को की है। डीजीपी संजय कुंडू ने स्थायी आदेश जारी कर इसे पहली अगस्त से लागू करने को कहा है। इसके तहत राज्य में यौन अपराधियों का एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रर तैयार किया जाएगा और यौन अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों के आपराधिक आंकड़ों के विश्लेषण से पाया गया है कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध जैसे बलात्कार, छेड़छाड़, क्रूरता के अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
यद्यपि ऐसे सभी मामलों में प्राथमिकी दर्ज की जाती हैं और अन्वेषण पूरा होने के पश्चात अपराधियों के विरुद्ध अदालतों में चालान प्रस्तुत किए जाते हैं, परंतु सभी अपराधियों को सजा नहीं मिलती है। इन अपराधों की गंभीरता को देखते हुए और आम जनता में, विशेष रूप से महिलाओं के बीच पुलिस की विश्वसनीयता और विश्वास कायम करने के लिए यौन अपराधियों की लगातार निगरानी करना आवश्यक है। पंजाब पुलिस नियम, जो हिमाचल प्रदेश मे भी लागू हैं, के नियम 22/45 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक पुलिस थानों में 25 रजिस्टर तैयार किए जाते हैं, परंतु यौन अपराधियों के लिए कोई अलग रजिस्टर बनाने का प्रावधान नहीं है। पुलिस अधीक्षक कानून एवं व्यवस्था डा. खुशहाल शर्मा ने कहा कि यौन अपराध, यौन हिंसा एक ऐसा भयावह अपराध है, जिसका पीडि़तों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
इस संदर्भ में पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने गुरुवार को निर्देश जारी किए है कि प्रदेश के सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थानों में यौन अपराधियों से संबंधित सूचना रखने के लिए एक अलग रजिस्टर तैयार करेंगे, जिसमें सूचना दर्ज की जाएगी। इसमें अपराध का विस्तार, जिसमें एफआईआर का विवरण व उसके बाद का अन्वेषण शामिल है। आरोपी का शारिरिक प्रोफाइल, आरोपी का सामाजिक व आर्थिक प्रोफाइल, आरोपी का भावानात्मक प्रोफाइल, आरोपी का मेडिकल व फोरेंसिक प्रोफाइल व आरोपी द्वारा अपराध करने का तरीके का पूर्ण ब्यौरा रखा जाएगा।
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