प्रमोद सावंत ने संभाली गोवा की कमान, 11 मंत्रियों समेत राजभवन में शपथ ग्रहण
एमजीपी के मनोहर अजगांवकर, बीजेपी के मौविन गोडिन्हो, विश्वजीत राणे, मिलिंद नाइक और निलेश कैबरल, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विनोद पल्येकर और जयेश सालगांवकर और निर्दलीय विधायक रोहन खैतान और गोविंद गावडे ने भी राजभवन में राज्य कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
सावंत इससे पहले गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। इसके अलावा जानकारी मिली है कि विजय सरदेसाई और सुधीन धवलीकर को डिप्टी सीएम का कार्यभार दिया जाएगा। गोवा में राजनीतिक संकट समाप्त करने के लिए भाजपा पूरी कोशिश कर रही थी। बीते दिनों कांग्रेस द्वारा राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद पार्टी ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। सोमवार शाम को भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रमोद सावंत और गोवा विधायकों के साथ पणजी में बैठक की।
राज्य में भाजपा ने सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के सुदिन धावलीकर और गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विजय सरदेसाई को उपमुख्यमंत्री बनाया है। मनोहर परिकर के निधन के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दोनों सहयोगियों को मनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल, धावलीकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी। डिप्टी सीएम पद मिलने के बाद ही दोनों पार्टियों ने सावंत के नाम पर सहमति जताई।
इसके साथ ही भाजपा ने फिलहाल राज्य की सत्ता में वापसी की कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में इस समय 36 सदस्य हैं। भाजपा के 12, जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन और तीन निर्दलीय भाजपा के साथ हैं। चूंकि इन सहयोगियों के बिना भाजपा सरकार नहीं बचा सकती थी, लिहाजा इन्हें मनाना जरूरी था। वहीं, कांग्रेस दो बार सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी थी। ऐसे में जल्द से जल्द सुलझाना भाजपा की मजबूरी थी।
शाह ने खुद संभाला मोर्चा
परिकर के निधन के बाद ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रविवार रात ही गोवा पहुंच गए थे, लेकिन दोपहर तक एमजीपी और जीएफपी को मनाने में नाकाम रहे। इसके बाद सोमवार शाम परिकर के अंतिम संस्कार के बाद अमित शाह ने मोर्चा संभाला और दोनों सहयोगियों को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा।
सावंत इससे पहले गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। इसके अलावा जानकारी मिली है कि विजय सरदेसाई और सुधीन धवलीकर को डिप्टी सीएम का कार्यभार दिया जाएगा। गोवा में राजनीतिक संकट समाप्त करने के लिए भाजपा पूरी कोशिश कर रही थी। बीते दिनों कांग्रेस द्वारा राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद पार्टी ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। सोमवार शाम को भी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रमोद सावंत और गोवा विधायकों के साथ पणजी में बैठक की।
राज्य में भाजपा ने सहयोगी दलों महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के सुदिन धावलीकर और गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विजय सरदेसाई को उपमुख्यमंत्री बनाया है। मनोहर परिकर के निधन के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को दोनों सहयोगियों को मनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। दरअसल, धावलीकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी। डिप्टी सीएम पद मिलने के बाद ही दोनों पार्टियों ने सावंत के नाम पर सहमति जताई।
इसके साथ ही भाजपा ने फिलहाल राज्य की सत्ता में वापसी की कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में इस समय 36 सदस्य हैं। भाजपा के 12, जीएफपी और एमजीपी के तीन-तीन और तीन निर्दलीय भाजपा के साथ हैं। चूंकि इन सहयोगियों के बिना भाजपा सरकार नहीं बचा सकती थी, लिहाजा इन्हें मनाना जरूरी था। वहीं, कांग्रेस दो बार सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी थी। ऐसे में जल्द से जल्द सुलझाना भाजपा की मजबूरी थी।
शाह ने खुद संभाला मोर्चा
परिकर के निधन के बाद ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रविवार रात ही गोवा पहुंच गए थे, लेकिन दोपहर तक एमजीपी और जीएफपी को मनाने में नाकाम रहे। इसके बाद सोमवार शाम परिकर के अंतिम संस्कार के बाद अमित शाह ने मोर्चा संभाला और दोनों सहयोगियों को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा।
Comments
Post a Comment