आजादी के बाद भी हिमाचल के कई स्कूलों में बिजली नहीं
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केंद्र सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने का दावा किया। प्रदेश सरकार ने भी इस योजना का खूब गुणगान किया। लेकिन हकीकत यह है कि हर जगह आज तक रोशन नहीं हो सकी है। शिक्षा के हर मंदिर तक बिजली पहुंचाने में सरकारें सफल नहीं हो सकी हैं। प्रदेश के जो 456 प्राथमिक व 308 मिडल स्कूल बिजली आने का इंतजार कर रहे हैं, वे दुर्गम क्षेत्रों में हैं। सर्दियों में इन स्कूलों में विद्यार्थी ठिठुरने को मजबूर होते हैं। मौसम खराब होने की स्थिति में इन क्षेत्रों में दिन में भी अंधेरे जैसी स्थिति हो जाती है। बिजली न होने के कारण विद्यार्थियों को अंधेरे में पढ़ाई करना कठिन हो जाता है। इससे प्रदेश के करीब 15 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं।
आज के युग में भी स्कूलों में बिजली न पहुंचना गंभीर मुद्दा है। स्कूलों में देश का भविष्य संवारा जाता है। यदि विद्यार्थी ही अंधेरे में रहेंगे तो उन्हें आधुनिक तकनीक से शिक्षा कैसे दी जाएगी। -चमन लाल शर्मा, अध्यक्ष, सीएंडवी शिक्षक संघ।
स्कूलों में बिजली न होना हैरान करने वाली बात है। सरकार हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है। यदि स्कूलों में बिजली नहीं होगी तो डिजिटल एजुकेशन कैसे देंगे? -जीएस बेदी, अध्यक्ष, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ।
इतने स्कूलों में नहीं पहुंची बिजली
जिला,प्राथमिक,मिडल
बिलासपुर,1,4
चंबा,79,59
हमीरपुर,0,1
कांगड़ा,15,36
किन्नौर,2,0
कुल्लू,26,38
लाहुल स्पीति,70,6
मंडी,39,29
शिमला,131,78
सिरमौर,75,47
सोलन,16,10
ऊना,2,0
Report:-N.K Sharma
©:NEH
Himachal Crime News
H.P Bureau
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