हिमखंड मे शहीद विदेश कुमार ने मां से किया था जल्द घर आने का वादा, अब तिरंगे में लिपटा पहुंचेगा पार्थिव शरीर
फाइल फोटो:शहीद विदेश कुमार |
हिमाचल क्राइम न्यूज़ || ब्यूरो किन्नौर || हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भारत-तिब्बत सीमा के साथ डोगरी नाले में हिमखंड में दबने से शहीद हुए विदेश कुमार के परिजनों को उनके सलामत घर लौटने का भरोसा था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
बीते 23 दिनों से विदेश के पिता आईपीएच विभाग से सेवानिवृत्त ईश्वर दास और माता पुष्पा देवी अपने बेटे सही सलामत लौटने की उम्मीद लगाए हुए थे। लेकिन बेटे के शहीद होने की सूचना मिलते ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
वहीं, विदेश की पत्नी निंटा देवी सचना मिलने के बाद बेसुध हैं। विदेश सात साल पहले विवाह हुआ था, लेकिन अभी तक उनकी कोई संतान नहीं है। दादा केशू राम (90) अपने पोते के शहीद होने की खबर से सदमे में हैं।
हिमखंड की चपेट में आने से पहले शहीद विदेश कुमार ने अपनी पुष्पा देवी फोन कर बताया था कि वे जल्द छुट्टी लेकर घर वापस लौटेंगे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि ऐसी खबर सुनने को मिलेगी। विदेश 20 फरवरी को सेना के छ जवानों के साथ हिमंखड में दब गए थे।
विदेश के चाचा सुरेश कुमार 7 डोगरा रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए हैं। बडे़ भाई दिनेश कुमार महार रेजिमेंट 6 बटालियन सियाचिन पर तैनात थे। वहां से एक माह पहले सेवानिवृत्त हुए हैं।
Report:-Mohan Bodh
©:AU
Himachal Crime News
HP Bureau
HP Bureau
Comments
Post a Comment