मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से मरने वालों की संख्या 109 पहुंची
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो।
बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. साथ ही करीब 200 बच्चे अब भी अस्पताल में भर्ती हैं. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) और जापानी इंसेफलाइटिस (JE) को बिहार में 'चमकी' बुखार के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में हर साल ये बीमारी फैलती है. उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली जिले में इस बीमारी का ज्यादा असर दिख रहा है.
सांसद के विवादित बोल- '4G' से हुई बच्चों की मौत
मुजफ्फरपुर में मौतों के बारे में जब यहां के सांसद अजय निषाद से सवाल किया तो उन्होंने बेहद लापरवाही से बयान देते हुए कहा, 'इस बार ज्यादा मामले आ रहे हैं, इसकी वजह गर्मी भी है। गर्मी बहुत ज्यादा हो रही है, उसका रोकथाम करने के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहिए। बीमारी की असली वजह 4 जी है, जी फॉर गर्मी, गांव, गरीबी और गंदगी। इससे बीमारी का ताल्लुक है। ज्यादातर मरीज गरीब तबके से हैं और उनके रहन-सहन के स्तर में गिरावट है। उसे सुधारने की जरूरत है।'
अस्पताल देरी से पहुंचे, इसलिए मौतें: मुख्य सचिव
इस बीच बिहार सरकार ने चमकी बुखार पर अपनी सफाई दी है। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर में अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से मौत के पीछे बच्चों का अस्पताल देरी से पहुंचना है। यह बार-बार कहा गया है कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को आने का खर्च नहीं देना होगा। उनका किराया वापस किया जाएगा। सभी को 400-400 रुपये किराया दिया जाएगा। सीएम नीतीश कुमार ने अपने दौरे के बाद बच्चों के बेहतर इलाज के लिए कई निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने यह भी दावा किया कि इस बीमारी से निपटने के लिए सभी उपाय पहले ही कर लिए गए थे।
अजय निषाद बोले- ज्यादातर मरीज अनुसूचित जाति के
अजय निषाद ने आगे कहा, 'ज्यादातर मरीज गरीब परिवार से हैं, अनुसूचित जाति से हैं। गंदगी के कारण भी यह बीमारी हो रही है।' उन्होंने आगे कहा, 'कभी-कभी चूक हो जाती है। बीमारी में गिरावट हो गई, इसलिए ध्यान हट गया।'
अजय निषाद बोले- ज्यादातर मरीज अनुसूचित जाति के
अजय निषाद ने आगे कहा, 'ज्यादातर मरीज गरीब परिवार से हैं, अनुसूचित जाति से हैं। गंदगी के कारण भी यह बीमारी हो रही है।' उन्होंने आगे कहा, 'कभी-कभी चूक हो जाती है। बीमारी में गिरावट हो गई, इसलिए ध्यान हट गया।'
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