फर्जी कृषि प्रमाणपत्र से खरीद ली जमीन, शिकायत पर जांच शुरू
हिमाचल क्राइम न्यूज़
ब्यूरो शिमला। रुचिका
शिमला के कंडयाली में भू सुधार एवं मुजारियत अधिनियम की धारा 118 तोड़कर जमीन खरीदने का अंदेशा जताया गया है। इसके लिए ऊना के एक किसान के नाम पर फर्जी कृषक प्रमाणपत्र पेश करने का संदेह है। राज्य सरकार के निर्देश पर एडीएम शिमला ने एसडीएम कुमारसैन को इसकी छानबीन सौंपी है।
प्रदेश सरकार को दी शिकायत में शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्हें संदेह है कि यह जमीन बेनामी संपत्ति के रूप में खरीदी गई है। शिकायतकर्ता के अनुसार उनके पिता के भी एक आवेदन पर फ र्जी हस्ताक्षर कर सड़क निर्माण के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए। इस सड़क का नाम उक्त जमीन के लिए होना है। हस्ताक्षरों के साथ जालसाजी की उनके पिता ने शिकायत पुलिस में की।
इसके लिए ऊना निवासी इस कृषक को ट्रेस करने में पुलिस भी सफल नहीं हो पाई। ऐसे में भू मालिक पर संदेह उजागर होता है। इस भू मालिक के कृषक प्रमाणपत्र के बारे में सूचना देने से भी स्थानीय राजस्व अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। इस शिकायत पर राज्य सचिवालय के अधिकारियों की ओर से जिला प्रशासन को छानबीन करने को कहा गया है। पिछले दिनों एसडीएम कुमारसैन को इस बारे में रिमाइंडर भी भेजा गया है।
विभाग बोला - बारिश में भीग गया रिकॉर्ड
इस संदिग्ध कृषक प्रमाणपत्र को लेकर शिकायतकर्ता ने ऊना स्थित राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी से आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगी तो इसे नहीं दिया गया। कार्यालय कानूनगो ने कहा कि यह सूचना उनके कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2013 में भारी बारिश के कारण पानी तहसील कार्यालय में भर गया था, जिस वजह से तहसील का रिकॉर्ड सीलन आने के कारण अपठनीय और नकारा हो गया है। आवेदक की ओर से मांगा गया रिकॉर्ड भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
क्या है धारा 118
हिमाचल में जमीन खरीद के लिए सभी गैर हिमाचली या हिमाचली गैर कृषक को धारा 118 में अनुमति लेनी होती है। केवल कृषक ही यहां बगैर अनुमति के जमीन खरीद सकते हैं। यह अनुमति राज्य मंत्रिमंडल की संस्तुति के बाद मिलती है।
इस मामले में डीसी शिमला से मालूम किया जा रहा है। अगर सचमुच यह मामला धारा 118 की अवहेलना या किसी फर्जीवाड़े से जुड़ा है तो इस पर जांच के बाद कार्रवाई होगी।- बीके अग्रवाल, मुख्य सचिव, हिमाचल सरकार
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